1. इस घोटाले का पता 2013 में चला जब कुछ खबरें आईं कि घूस देकर मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन किया जा रहा है। आरोप यह लगा कि पैसे लेकर राजनेता, नौकरशाह और अन्य घूस लेकर परीक्षार्थी की जगह किसी ओर से परीक्षा दिलवाने का काम कर रहे हैं। इसी प्रकार अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रॉक्सी कैंडिडेटों ने परीक्षा दी और लोगों को डॉक्टर और टीचरों की सरकारी नौकरी मिली।
2. व्यापमं का नाम मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल पर पड़ा है। यह वही संस्था है जो राज्य में इस प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं को कराने के लिए उत्तरदायी है।
3. जब से यह घोटाला उजागर हुआ तब से 35 लोगों की मौत हो चुकी है जो इससे किसी न किसी प्रकार से जुड़े रहे।
4. हाल में एक डॉक्टर और एक पत्रकार की संदिग्ध मौत की खबरें आई जिसके बाद मुद्दा फिर सुर्खियों में आ गया।
अगस्त 2013 से इस मामले में मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा गठित एसआईटी गठित की गई जो घोटाले की जांच कर रही है।
5. 2014 में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मामले में सीबीआई जांच की कांग्रेस और अन्य की मांग को खारिज कर दिया।
6. हाईकोर्ट ने एक रिटायर्ड जज के नेतृत्व में तीन लोगों की एक समिति बनाई जो इस जांच की निगरानी कर रही है।
7. होईकोर्ट ने कहा कि इस समिति का काम जांच की प्रगति और दिशा पर निगरानी रखना है।
8. इस घोटाले में 2500 आरोपी हैं और करीब 1900 जेल में हैं। कोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार करीब 500 आरोपी लापता बताए जा रहे हैं।
9. इस घोटाले में अब तक 55 केस दर्ज किए जा चुके हैं।
10. विपक्षी दल कांग्रेस का कहना है कि 77 लाख प्रत्याशियों ने घूस दिया और वह इस घोटाले का हिस्सा हैं।
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