यूपी टेक्निकल यूनिवर्सिटी- राजभवन से इस यूनिवर्सिटी की दूरी 10 किमी है। यहां भी फरवरी में राजभवन का आदेश आया था। हिदायत दी गई थी कि रिजल्ट में लेटलतीफी पर कुलपति जिम्मेदारी तय कर बताएंगे। स्थिति यह है कि बीटेक फाइनल का रिजल्ट 12 बार अपडेट किया जा चुका है। बीटेक फर्स्ट ईयर का रिजल्ट अभी जारी हुआ है। इस रिजल्ट में भी यूनिवर्सिटी के एक चौथाई स्टूडेंट्स ही शामिल हैं।
संवाददाता, लखनऊ : 24 विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति राज्यपाल राम नाईक के कार्यालय से भेजा गया एक गंभीर पत्र राजधानी के ही दो विश्वविद्यालयों में बेअसर साबित हो गया। जिम्मेदारी तय करने की बात तो दूर की है। दोनों ही विश्वविद्यालयों में सभी रिजल्ट जुलाई के आखिर तक जारी हो जाएंगे यह कहना भी मुश्किल है। यूपीटीयू के अधिकारी रिजलट जल्दी घोषित करने की बात कह रहे हैं, लेकिन वह यह स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं कि सभी रिजल्ट कब तक जारी हो जाएंगे। वहीं लखनऊ यूनिवर्सिटी में अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज के साथ ही पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेज की भी स्थिति ऐसे ही है।
रिजल्ट में देरी पर क्यों जुर्माना क्यों नहीं
जेएनपीजी कॉलेज से बीए थर्ड ईयर के स्टूडेंट ऋृषभ शुक्ला ने आरोप लगाया कि एग्जाम फॉर्म में एक दिन की भी देरी पर यूनिवर्सिटी 1000 रुपये का जुर्माना लगाती है। रिजल्ट में लेटलतीफी पर अफसरों पर भी जुर्माना लगना चाहिए। बीटेक सिक्स्थ सेमेस्टर के समीर ने भी ऐसा ही आरोप लगाया। छात्र संगठन भी यूनिवर्सिटीज पर स्टूडेंट्स के भविष्य से खिलवाड़ का आरोप लगाते हैं। एबीवीपी के विवेक सिंह व सपा के अजीत सिंह यादव ने ऐसी लापरवाही पर अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
वर्जन
फाइनल ईयर में जिन स्टूडेंट्स के रिजल्ट रुके हुए हैं उनमें दिक्कत है। बाकी सेमेस्टर्स के रिजल्ट भी जारी कर दिए जाएंगे। स्टूडेंट्स का नुकसान नहीं होगा। - प्रो. बीएन मिश्र, परीक्षा नियंत्रक, यूपीटीयू
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