नोएडा-ग्रेटर नोएडा समेत प्रदेश के अन्य इंजीनिय¨रग और प्रबंधन कालेजों में दाखिले के लिए कालेज चयन (च्वाइस लॉकिंग) की शनिवार को अंतिम तिथि है। दूसरे चरण की कालेज चयन प्रक्रिया के लिए छात्र ऑनलाइन विकल्प भर सकते हैं।
कालेज चयन के लिए छात्र को सबसे पहले राज्य प्रवेश परीक्षा (यूपीएसईई) की वेबसाइट खोलनी होगी। मुख्य पेज पर कैंडीडेट च्वाइस फिलिंग के विकल्प को खोलना होगा। इसमें छात्र को कोर्स का चयन करना होगा और अपना रोल नंबर डालना होगा। इसके बाद काउंसिलिंग केंद्र (हेल्प डेस्क) द्वारा दिया गया ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) डालना होगा। इसके बाद कालेजों की सूची खुल जाएगी। छात्र अपनी रैंक के अनुसार पसंदीदा कालेज चुन सकता है। उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय (यूपीटीयू) 6 जुलाई को सीट आवंटन परिणाम भी जारी कर देगा। छात्र को ऑनलाइन शुल्क जमा कर दाखिला पक्का करने के लिए छह और सात जुलाई तक का समय दिया। छात्र को इन दो दिनों के अंदर ही शुल्क जमा करना होगा। यूपीटीयू ने कहा कि यदि कोई छात्र तय समय सीमा के अंदर शुल्क नहीं जमा करता है तो उसकी सीट रद कर दी जाएंगी।
पहले चरण में सीट न मिलने वाले छात्र को भी मौका
य पीटीयू ने ऐसे छात्रों को भी दोबारा मौका दिया है जिन्होंने पहले चरण में विकल्प भरा था, पर उन्हें कोई सीट नहीं मिल पाई थी। ऐसे छात्र दोबारा कालेज चयन कर सकते हैं। वहीं ऐसे छात्र भी कालेज चयन कर सकते हैं जिन्होंने पहले चरण में भाग नहीं लिया था।
एक से अधिक सीट मिले तो हेल्प डेस्क पर करें रिपोर्ट
विश्वविद्यालय ने कहा है कि यदि आवंटन परिणाम में किसी छात्र को एक से अधिक सीटें आवंटित हो जाती हैं तो वह हेल्प डेस्क पर जरूर रिपोर्ट करें। छात्र को उसकी पसंद के आधार पर सिर्फ एक सीट आवंटित की जाएगी। अन्य सीटें रद्द कर दी जाएंगी। अक्सर अच्छी रैंक पाने वाले छात्रों को आवंटन परिणाम में एक से अधिक सीटें आवंटित हो जाती हैें।
बढ़ सकती है तिथि
उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय (यूपीटीयू) दूसरे चरण की कॉलेज चयन प्रक्रिया एक या दो दिन बढ़ा भी सकता है। शनिवार को कालेज चयन की स्थिति को देखने के बाद इस पर फैसला होगा। दरअसल, पिछली बार तक यूपीटीयू कालेज चयन प्रक्रिया तीन चरणों में पूरा करता था। पर इस बार काउंसिलिंग को जल्दी खत्म करने के लिए यह प्रक्रिया सिर्फ दो चरणों में पूरी की जा रही है।
शनिवार को शाम तक की स्थिति को देखने के बाद ही कालेज चयन की तिथि बढ़ाने पर विचार किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो तिथि जरूर बढ़ाई जाएगी।
-प्रो. जगबीर सिंह, प्रदेश समन्वयक, यूपीएसईई।
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